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पहाड़ियाँ-1 / प्रयाग शुक्ल

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पहाड़ियों पर चढ़ी रहती है
एक झीनी परत
धूप की, हवा की,आकाश की ।

दूर से बिल्कुल अलग दिखती हैं पहाड़ियाँ ।
स्थिर, शांत ।

अपनी ओर क्यों खींचती हैं
बराबर पहाड़ियाँ !