भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
पहिया बदलना और पहिया बदलने वाला / उज्ज्वल भट्टाचार्य
Kavita Kosh से
पहिया बदलना
- बैर्तोल्त ब्रेष्त
सड़क के किनारे बैठा हूँ ।
ड्राइवर पहिया बदल रहा है ।
मुझे पसन्द नहीं, जहाँ से आया,
मुझे पसन्द नहीं, जहाँ मुझे जाना है ।
फिर क्यों उसे पहिया बदलते देखता हूँ
इतनी बेताबी के साथ ?
पहिया बदलने वाला
- उज्ज्वल भट्टाचार्य
मुझे पहिया बदलना है ।
वह मुझे देख रहा है,
वह बहुत बड़ा लेखक है,
उसका नाम बैर्तोल्त ब्रेष्त है ।
मैं परेशान हूँ,
पहिया बदलते हुए
वह मुझे देख रहा है ।
उसकी नज़रें
मुझे परेशान कर रही हैं,
वह इतना परेशान क्यों है ?
मैं पहिया बदल रहा हूँ ।