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पाँचों बहिन शीतल मैया / अंगिका

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

पाँच बहिन शीतल मैया, पाँचों हैं कुमारी- पाँचों रे बहिन अगम रे अपार।
अगम अपार रमता साजल गे बहिना- चलो गे बहिना कमरू के राज।
कमरू के राज बहिना नैना योगिनियाँ- राखोॅ गे बहिन नजरी चढ़ाय।
मार गुण पीठिया सँभार गुण गे बहिना- एहि विधि राखोॅ संसार।

पाँच बहिन मालत मैया, पाँचों हैं कुमारी- पाँचों रे बहिन अगम रे अपार।
अगम अपार रमता साजल गे बहिना- चलो गे बहिना कमरू के राज।
कमरू के राज बहिना नैना योगिनियाँ- राखोॅ गे बहिन नजरी चढ़ाय।
मार गुण पीठिया सँभार गुण गे बहिना- एहि विधि राखोॅ संसार।

पाँच बहिन धनसर मैया, पाँचों हैं कुमारी- पाँचों रे बहिन अगम रे अपार।
अगम अपार रमता साजल गे बहिना- चलो गे बहिना कमरू के राज।
कमरू के राज बहिना नैना योगिनियाँ- राखोॅ गे बहिन नजरी चढ़ाय।
मार गुण पीठिया सँभार गुण गे बहिना- एहि विधि राखोॅ संसार।

पाँच बहिन फूलसर मैया, पाँचों हैं कुमारी- पाँचों रे बहिन अगम रे अपार।
अगम अपार रमता साजल गे बहिना- चलो गे बहिना कमरू के राज।
कमरू के राज बहिना नैना योगिनियाँ- राखोॅ गे बहिन नजरी चढ़ाय।
मार गुण पीठिया सँभार गुण गे बहिना- एहि विधि राखोॅ संसार।

पाँच बहिन कालि मैया, पाँचों हैं कुमारी- पाँचों रे बहिन अगम रे अपार।
अगम अपार रमता साजल गे बहिना- चलो गे बहिना कमरू के राज।
कमरू के राज बहिना नैना योगिनियाँ- राखोॅ गे बहिन नजरी चढ़ाय।
मार गुण पीठिया सँभार गुण गे बहिना- एहि विधि राखोॅ संसार।