भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पांच / प्रमोद कुमार शर्मा

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

रंग
-भांत-भांत रा
सजा राख्या है चोरां
-धोरां ऊपर धोरां
मांड राख्या मचान
सबद सूना मकान
कविता :
-फगत थकान।