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पाइ / गंग नहौन / निशाकर
Kavita Kosh से
सभ किछु पाइए नहि अछि
जहिना सभ किछु
बीतलाहा पलेटा नहि होइछ
वर्तमानमे कएल गेल काजसँ
बहराइत अछि भविष्य।
लागि गेल अछि लोक
पद, प्रतिष्ठा आ प्रतिद्वंद्विताक घोड़दौड़मे
पाइक लेल करैत अछि
अपन अस्तित्वक बनियौटी।
पाइ जरूरी छैक
मनुक्खक लेल
हमहूँ जनैत छी
मुद्रा ओकरोसँ जरूरी अछि
प्रेम, सौन्दर्य आ सौहार्द्रक रक्षा।