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पातर-पातर गोरिया के पतरी कमरिया / भोजपुरी

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   ♦   रचनाकार: महेन्द्र मिसिर

पातर-पातर गोरिया के पतरी कमरिया
मोर सँवरिया रे पतरी डगरिया धैले जाय
पातर लप-लप गोर पतरी अंगुरिया
मोर सँवरिया रे लचकत पनिया के जाय
सड़िया के आरी-आरी गोटवा के जारी
मोर सँवरिया रे मटकत रहिया के जाय
गावेले महेंदर मिसिर दूहो रे पुरुबिया
मोरे सँवरिया रे, देखते में जिया ना अघाय।