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पाद टीपणी / कन्हैया लाल सेठिया
Kavita Kosh से
चाहीजसी
किस्यै
विचार नै
किस्यै सबद रो
मुखोटो ?
करसी
कलम उठायां पैली
इण रो निरणै
बो लिखारो
कोनी चाहिजै
जकै री कठमठी रचणा नै
कोई
पाद टीपणी !