पानी कभी दे रही है फुलवारी में
कपड़े कभी रख रही है अलमारी में
तू कितनी घरेलू सी नज़र आती है
लिपटी हुई हाथ की धुली सारी में
पानी कभी दे रही है फुलवारी में
कपड़े कभी रख रही है अलमारी में
तू कितनी घरेलू सी नज़र आती है
लिपटी हुई हाथ की धुली सारी में