पानी भरे गइली राम जमुना किनारवा / महेन्द्र मिश्र

पानी भरे गइली राम जमुना किनारवा
पिरीतिया ना लगावे ए वंशीवालावा।
मधुबन जाके श्याम भइले निरमोहिया
कुँआरे गरवा लागे ना रे वंशीवालावा।
जोहू हम जनिती स्याम होइहें निरमोहिया
पिरीतियो ना लगइतीं ए वंशीवालावा।
चढ़ि-चढ़ि अटरिया हम निरखीं डगरिया
सेजरियो नाहीं आवेए वंशीवालावा।

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