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पानी / अरविन्द पासवान
Kavita Kosh से
सब लोग हैं लगे हुए
कुछ मुकम्मल तराशने में
मैंने सोचा
चलो खुरचें पानी को ही
जो पानी गायब है इन दिनों
लोगों के ही चेहरे से