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पापा जी / प्रकाश मनु
Kavita Kosh से
पापा जी, ओ पापा जी,
मेरे अच्छे पापा जी!
बिना बात का गुस्सा छोड़ो
बिना बात की नाराजी,
पापा जी, ओ पापा जी!
पहले तो चल करके बज्जी
हमको बढ़िया कार दिलाओ,
कार दिला करके रसगुल्ले
और इमरती गरम खिलाओ।
छोड़ो-छोड़ो सभी बहाने
छोड़ो सारी मनमर्जी,
कल का वादा, झूठा वादा-
आज घुमाने चल दो जी!
पापा जी, ओ पापा जी!
थोड़ा पढ़ ले, अब तू पढ़ ले-
सारे दिन बस एक कहानी,
कभी जरा-सा सुर तो बदलो
करने दो हमको मनमानी!
घर में पड़ते पैर आपका,
दिल मेरा बस काँपा जी,
क्यों ऐसा है पापा जी?
गुस्सा छोड़ो पापा जी
पापा जी, ओ पापा जी!
मेरे अच्छे पापा जी!