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पालना / एकांत श्रीवास्तव
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जब भी गाती है मां
हिलता है पालना
पालने में सोया है नन्हां-सा फूल
जिसकी पंखुडियों में बसी है
मां के सबसे सुंदर दिनों की खुशबू
पालने में सोया है नन्हां-सा सूरज
जिसके आसमान में फैला है
मॉं की आत्मा का अनन्त नीलापन
कांटों और अंधेरे के विरूद्ध
गाती है मां
हिलता है पालना
जब भी हिलता है पालना
हिलती है
पालने की तरह समूची पृथ्वी.