पावस रोज ही
भीगना 
सिर्फ पावस में ही नहीं होता  
उसकी बातें  
भिगोती हैं  
रोज ही  
धरती की तरह  
धानी चूनर  
ओढ़ लेती हूँ मैं ।
पावस रोज ही
भीगना 
सिर्फ पावस में ही नहीं होता  
उसकी बातें  
भिगोती हैं  
रोज ही  
धरती की तरह  
धानी चूनर  
ओढ़ लेती हूँ मैं ।