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पावैं शोभा लोक में , जो जन विद्यामान / गंगादास

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पावैं शोभा लोक में , जो जन विद्यामान ।
जिन विद्या बल हैं नहीं, सो नर भूत मसान ।।

सो नर भूत मसान पशु पागल परवारी ।
बिन विद्या नर सून ताल जैसे बिन वारी ।।

गंगादास ये जीव जाति नर पशु कहावैं ।
बिना सुगंधी सुमन कहीं आदर ना पावैं ।।