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पास रह कर देखना तेरा बड़ा अरमान है / मीर 'सोज़'
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पास रह कर देखना तेरा बड़ा अरमान है
मुझ को सब मुश्किल है प्यारे तुझ को सब आसान है
ऐ मेरे बदमस्त मत कर तू ग़ज़ालों का शिकार
ले ने मेरे दिल को चख ये ज़ोर ही बिरयान है
क्या दुआ देते हो मियाँ जीते रहो जीते रहो
ज़िंदगानी तो नहीं अंग्रेज़ का ज़िंदान है
एक बोसा गच गचा कर बीच से होंटों के दे
फिर अगर दिल तुझ से माँगूँ जान भी नादान है
जिस की नीयत मंे दग़ा है आप होता है ख़राब
ख़ोशा-ए-गंदुम को देखो कब से दाता-दान है
आह कुछ चुभता है उठते बैठते सीने के बीच
चीर के देखों तो ये अल्मास का पैकान है
मेरे समझाने को आया है बग़ल में ले किताब
नाक में लाया है दम नासेह कोई शैतान है
‘सोज’ का रूतबा कहाँ पहुँचा है तो तेरी रज़ा
लोग ये कहते हैं अब तू साहिब-ए-दीवान है