मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
पाहुन सिन्दूर लियऽ हाथ सोन सुपारी के साथ
सीता उधारि लियऽ माथ सिन्दूर लेबऽ लए
बीति रहल अछि लग्न अहाँ धनुष कयलौं भंग
सब छथि आनन्दमग्न आशीष देबऽ लए
रघुवर शिर शोभनि मौर सीता सब दिन पुजथि गौर
आजु पूजल हमर और नृपति होबऽ लए