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पिंजरा / सरोज कुमार
Kavita Kosh से
चिड़िया गलती से
उसके कमरे में आ गई,
उसने दरवाजा बंद कर लिया!
अब चिड़िया क्या करे?
कहाँ जाए?
वह टंगी तस्वीर पर बैठी
पंखे पर फड़फड़ाई
छत की तरफ गई
यहाँ-वहाँ उड़ती रही!
उसे लगा, वह किसी
पिंजरे में पहुँच गई है ,
पर किसी गलत पिंजरे में!
इसमे तो एक आदमी
पहले से मौजूद है!
हाय!
सही आकमान
अगर नसीब न हो
कायदे का पिंजरा तो मिले!