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पिछड़े जन की अगड़ी भाषा / संजय चतुर्वेद
Kavita Kosh से
हिन्दी है एक तगड़ी भाषा
पिछड़े जन की अगड़ी भाषा
कलाभवन आबाद हुए निष्काषित लोग निकाली भाषा
और वज़ीफ़ाख़ोर कांति के मक्कारों की जाली भाषा
कृतघ्नता के उत्सवधर्मी
अस्ली ग्लोबल कलाकुकर्मी
बुद्धिबाबुओं के विधान में अर्धसत्य की काली भाषा
ऎसे चालू घटाटोप में
स्मृति के व्यापक विलोप में
अन्धकार की कलम तोड़कर
बीच सड़क पर झगड़ी भाषा
पिछड़े जन की अगड़ी भाषा ।