भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पिता-3 / नरेश चंद्रकर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।

वे घर में रहते हैं
टहलते हैं

और हिलता है सारा परिवार
उनकी आँखों में

कल नहीं रहेंगे यदि वे

तो...?

तो कहाँ बजेगी जल-तरंग
कैसे सहलेगी पीठ

कौन होगा घर की नींव में!