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पिता और सूर्य-6 / अमृता भारती
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आपको
मिट्टी में सुलाने के बाद
मैं बड़ी हो गई --
यह धरती
दो ग़ज़ के टुकड़े मेंबदल गई थी
छोटे मृदुल पवित्र टुकड़े में
पर मैं बड़ी हो गई, पापा
धरती के कँटीले
पैने विस्तार के लिए ।