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पिता - 1 / समझदार किसिम के लोग / लालित्य ललित

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बच्चों को कंधों पर
बिठा
कभी कुुत्ता बन कभी घोड़ा
पूरे घर में घूूमाता रहा
बच्चे बड़े हुए
और पिता बूढ़े
अंतिम समय
माँ कलपती रही
पिता को
चार कंधे भी नसीब ना हुए
चार पुत्र थे
पुत्र थे ! भी