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पिया पिया करु पिया ना बोल्या / मेहर सिंह

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वार्ता- सज्जनों जब यमदूत उसे घेर लेते हैं। सावित्री उसे कई बार आवाज लगाती है। कुछ घंघेळा होने के कारण वह बोल नहीं पाता तो सावित्री कहती है

जवाब सावित्री का

बोल लई कई बार नहीं मुंह खोल्या
पिया पिया करुं पिया ना बोल्या।टेक

मैं पापिण निर्भाग कर्म की हेट्ठी
निर्वंश जांगी ना कोए बेटा बेटी
म्हारे वंश की पैड़ तनै क्यूं मेटी
एकली कैल घोट दी घिट्टी
मनै खो दिया रत्न रूप अणमोला।

प्रभु करते कोन्या ख्याल मेरी कान्ही का
मेरे संग में कर रहे काम बेईमानी का
लिया छन में टुकड़ा खोस ऊत जाणी का
बिन बालम जीणां के बीरबानी का
मुझ दुखिया पै दिया गेर गजब का गोळा।

कही नारद जी की एक मनै मानी ना
रहे बेमाता के लेख छानी ना
बुरी हाथ की रेख मनै जानी ना
प्रभु दुनियां में और दानी ना
मेरा फूक बणा दिया आज गात का कोला।

दो दिन का भरतार प्यार कर चाल्या
मैं न्यूं रोऊं सूं सिर मार हार कर चाल्या
थी पतिव्रता नार खवार कर चाल्या
जाट मेहर सिंह मार रहम का झोला।