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पिलपोट्टण / रामफल चहल

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पीह्ल गई पींच्छू गए अर गए खाट्टे मीट्ठे बेर
शहरां मं इब बिकैं छोलिए सौं रूपयां के सेर
सुहाली अर गुलगले गए लास्सी के गए बरोल्ले
ठेक्यां आगे मिलते भूगड़े नाम धरया सै छोल्ले
कसार गया अर गई लापसी पूड़े गए रसीले
ब्याह शादी म्हं मिलै खाण न नाम धरया सै चील्ले
आड़ गई बाड़ गई और गए खेइयां के ढेर
शहरां मं इब बिकैं छोलिए सौं रूपयां के सेर

कढावणी अर प्याहण गए, गए नेता और चाखड़ा
चांदी की वै टूम चली गई नेवरी पात्ती बांकड़ा
गुड़भत्ता अर खुद्दा चले गए धाणी और अंगाकड़ा
जोगी और भजनी चले गए आल्हा औेर सांकड़ा
फलसी और गिरड़ी गई गरण्ड के गए घेर
शहरां मं इब बिकैं छोलिए सौं रूपयां के सेर

पोऴी और उसारे चलें गए गई मूरतां आली हेल्ली
पजावे और कोल्हू चले गए गुड़ की चली गई भेल्ली
पनघट दामण नाड़ा भूल्ली बहुअड़ नई नवेली
लूहर अर खोड़िया गए कट्ठी नाचै ना सखी सहेली
धूपिया सरातियां पींघ पिंजाली चूण्डे मीण्ढी की गई घूमेर
शहरां मं इब बिकैं छोलिए सौं रूपयां के सेर

गिन्दोड़ा बंटाणा कात्तक न्हाणा चौणा चराणा भूल गए
झींझ सुखाणा चाव बंटाणा देव उठाणा भूल गए
मतीरा कचरी गूलर बरबंटी होले बनाणा भूल गए
जमोवे अर लेहस्वे निमोली पिलपोट्टण खाणा भूल गए
जड़ै राबड़ी और गोज्जी न भूले चहल, क्यूं उड़ै हटकै जन्मै फेर
शहरां मं इब बिकैं छोलिए सौं रूपयां के सेर