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पीठ / एकांत श्रीवास्तव
Kavita Kosh से
यह एक पीठ है
काली चट्टान की तरह
चौड़ी और मजबूत
इस पर दागी गयीं
अनगिनत सलाखें
इस पर बरसाये गये
हजार-हजार कोड़े
इस पर ढोया गया
इतिहास का
सबसे ज्यादा बोझ
यह एक झुकी हुई डाल है
पेड़ की तरह
उठ खड़ी होने को आतुर.