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पीड़ा की पीड़ा / प्रेरणा सारवान
Kavita Kosh से
मैंने तो कह डाला
अपनी पीड़ा को
लेकिन
शब्दों में
अमर हो चुकी है
जो पीड़ा
कौन समझ पाएगा
उस पीड़ा की
इस पीड़ा को।