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पीला तै ओढ म्हारी जच्चा पाणी नै चाली जी / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
पीला तै ओढ म्हारी जच्चा पाणी नै चाली जी
सास नणद मुख मोड्या जी
पीला तै ओढ म्हारी जच्चा पानी नै चाली जी
सारै सहर नै सराई जी
के पीला तेरी माय रंगाया जी
के ननसालै तै आया जी
ना पीला मेरी माये पुचाया जी
ना मेरी ननसालै ते आया जी
म्हारी सासू का जाया जी
म्हारी नणदी का बीरा जी
ऊं नै म्हारी साध पिराई जी
पीला तै ओढ म्हारी जच्चा मुढ़लै पै बैठी जी
जच्चा आंखा ना खोलै जी
दिल्ली सहर तै साएबा बैद बुला द्यो जी
जच्चा की नाड़ी दिखा द्यो जी
जच्चा का राजन बिलक्या डोलै जी
ताप नहीं इसके सिरवा नहीं सै जी
छठै महीने इसनै आसा बन्धी सै जी
पड़दे के औले जच्चा बोले
क्यूं लुटाओ सारे घर नै जी
पीला तै ओढ म्हारी जच्चा पानी नै चाली जी