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पुरनका खेल / सुधीर कुमार 'प्रोग्रामर'

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कन्ना गुज-गुज, चर-घरबा
कनियां-मनियां, बर-मड़बा

अठ्ठा गोटी, तर-बन्ना
दाय-माय, चुन्नी-चुन्ना

गुल्ली-डंटा, ताली-बित्ती
दौड़ै में मारै छै लत्ती

औका-बौका, बीजू-बन
खेलै में लागै छै मन

 सेल कबड्डी, चुक्का पार
घाँस-पात के नथिया हार

एगो लड्डू एगो खाजा
बेटी रानी, बेटा राजा।

साँझें झगड़ा भोरे मेल
बढ़िया छै बचकानी खेल।