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पुरानक मृत्यु आ नववर्षक जन्म / रामकृष्ण झा ‘किसुन’

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सुनू-सुनू ई सद्यः घोषणा
क’ रहल जे निर्भय आ निःसंशय वर्तमान
डेथ कालम लेल एकटा छोटछीन समाचार छोड़ि
मरि गेल घबहा कुकूर जकाँ
क्षण-क्षण आ कण-कणकें बीति चुकल
झुल-झुल बूढ़ ई अतीत, ई पुरान
काल-ब’सक चक्का तर पिचा क’
छहोछित्त भेल
सरिपहुँ हे मित्र ?
पुरानक मृत्यु भ’ गेल।

कात महक किछु गोटएकें ई दृश्य
बहुत प्रिय छैक