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पुर्तगीज से सॅानेट (सॅानेट्स फ्राम पुर्तगीज) सॉनेट/ ऐलिजाबेथ बैरेट ब्राउनिंग / विनीत मोहन औदिच्य

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ओ प्रिया! जानती हो कितना प्रेम करता हूँ तुम्हें यहाँ
तो मुझे गिनने दो मेरे प्रेम करने के अनेकों प्रकार
हमारे लिए लम्बाई, चौड़ाई, ऊँचाई और गहराई है वहाँ
प्रेम जहाँ तक आत्मा की पहुँच लेती है आकार ।

करता हूँ तुम्हें प्रेम अंतरिक्ष का अंतिम छोर है जहाँ
कल्पना और दृश्यता के परे अनुभूति सा साकार
मानवीय अस्तित्व व आदर्श सौंदर्य का अंत है कहाँ
अर्यमा दीपक प्रकाश की आवश्यकता- सा हर बार ।

स्वतंत्र मनुष्य के जैसे अधिकार के लिए संघर्षरत
करता हूँ विशुद्ध प्रेम तुम्हें मैं प्रशंसा की चाह जैसा
अतीत के दुखों व बचपन की आस्था से भावना रत।

अतीत के साये में कभी मैंने खो दिया था ठीक वैसा
अपनी श्वासों स्मित हास व अश्रुओं में रखता हूँ स्मृत
ईश इच्छा से अधिक करूँगा तुम्हें प्रेम मृत्यु के बाद कैसा?