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पुलिस - दो / ओम पुरोहित कागद
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मिनखां रा
सळ काढ़ण आळी उस्तरी
तप्यां पछै
बाळ देवै
इणी खातर
भला मिनख
इण री तपत देख‘र
पईसां रो छांटो देय‘र
दूर स्यूं ई
टाळ देवै !