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पूग परा घरां भायला / सांवर दइया
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पूग परा घरां भायला
म्हे तो नित डरां भायला
आं भींतां सागै म्हे तो
बतळावण करां भायला
ई ठाडी दुनिया आगै
म्हे पाणी भरां भायला
आ नित री लायी-खायी
नित जीवां-मरां भायला
अळधा रह म्हे ओळूं धन
नित भेळो करां भायला