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पूछिये इनसे ज़रा दाल क्यों काला हुआ / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
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पूछिये इनसे ज़रा दाल क्यों काला हुआ।
भाय से बढ़कर यहाँ आज क्यों साला हुआ।।
पत्थरों के नोंक से तब शिकारी थे यहाँ।
नोंक की करके नकल आज ये भाला हुआ।।
लेखनी के जोर से रोज खाना खा लिया।
आज वह ही तो यहाँ जात का लाला हुआ।।
शोर चौकीदार का हो रहा है सब जगह।
फिर यहाँ क्यों पूछिये पंग घोटाला हुआ।।
चोर बोले जोर से शोर में वादे दबे।
आज क्यों वोटर गले फूल का माला हुआ।।
चौंकिये मत देखिये तथ्य को भी जानिये।
झूठ से सच को दबा झूठ मतवाला हुआ।।