भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
पूछें अपनी गोरड़ी कैसा रानी जी थारा भाग / हरियाणवी
Kavita Kosh से
हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
पूछें अपनी गोरड़ी कैसा रानी जी थारा भाग
बधावा जी हमारे नित नया
हमारा नहीं जी तुम्हारी माय का भाग
जिन जाये हैं गिरदां वाले पूत
जिन जाये हैं अर्जुन जैसे पूत
बधावा जी हमारे नित नया