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पूरब ढारिले सुरुज के अरघवा / भोजपुरी
Kavita Kosh से
पूरब ढारिले सुरुज के अरघवा, रे मदरिया पहाड़,
बीचहीं में बहे तीरबेनिया, जटाशंकर परिछन जाई।।१।।
उतर ढारिले भीम के अरघवा, रे मदरिया पहाड़,
बीचहीं, में बहे तीरबेनिया, जटाशंकर परिछन जावँ।।३।।
दखिन ढारिले गंगा के अरघवा, रे मदरिया पहाड़,
बीचहीं में बहे तीरबेनिया, जटाशंकर परिछन जावँ।।४।।