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पूरा आसमान का आसमान / शमशेर बहादुर सिंह

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पूरा आसमान का आसमान
      एक इन्द्रधनुषी ताल
नीला साँवला हलका-गुलाबी
      बादलों का धुला
            पीला धुआँ...
मेरा कक्ष, दीवारें, किताबें, मैं, सभी
इस रंग में डूबे हुए-से
मौन।
 
और फिर मानो कि मैं
एक मत्‍स्‍य-हृदय में
       बहुत ही रंगीन,
       लेकिन
बहुत सादा साँवलापन लिये ऊपर,
देखता हूँ मौन पश्चिम देश :
लहरों के क्षितिज पर
एक
बहत ही रंगीन हलकापन,
बहुत ही रंगीन कोमलता।
 
कहाँ है
वो किताबें, दीवारें, चेहरे, वो
बादलों की इन्द्रधनुषाकार लहरीली
                   लाल हँसियाँ
                   कहाँ है?