पेड़ों की
यह एक
उदारता ही है
कि उन पर बैठे हैं गिद्ध लाशों की बेसब्र प्रतीक्षा में
और वे हरे हैं।
पेड़ों नहीं,
यह गिद्धों के प्रफुल्लित होने का ज़माना है।
पेड़ों की
यह एक
उदारता ही है
कि उन पर बैठे हैं गिद्ध लाशों की बेसब्र प्रतीक्षा में
और वे हरे हैं।
पेड़ों नहीं,
यह गिद्धों के प्रफुल्लित होने का ज़माना है।