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पेड़ / नवनीत पाण्डे
Kavita Kosh से
एक
जड़
केवल जड़ नहीं
जन्म, जीवन और मृत्यु है
पेड़ की
दो
पेड़...केवल पेड़ नहीं
एक रास्ता हैं
जड़ तक पहुँचने का
अगर कोई पहुँच सके...
तीन
हवाएँ हिला रही हैं पेड़ों को
पेड़...फिर से बीज होना चाहते हैं
कभी पेड़ रहे दरवाज़े के पल्ले
हिल रहे हैं हवा से
क्या वे भी
क्या वे भी पालने लगे हैं स्वप्न
फिर से पेड़ होने के ?