भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
पेड़ / बालस्वरूप राही
Kavita Kosh से
					
										
					
					सभी जगह उग जाते पेड़, 
ठंडी हवा चलाते पेड़। 
गर्मी दूर भगाते पेड़, 
चिड़ियों को अपनाते पेड़। 
खूब चहकते-गाते पेड़, 
कितने फल खिलवाते पेड़। 
हम भी पेड़ लगाएंगे, 
हरियाली ले आएंगे।
	
	