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पेपर वेट / संगीता कुजारा टाक
Kavita Kosh से
शब्दों की सूरत में
भावनाएँ उड़ेली हुई है
कागजों पर
मुझे डर है
कहीं उड़ ना जाए
मेरे शब्द
सो
मैंने रख दिया है
उनके ऊपर पेपरवेट
जिसमें
बनी हुई है
रुपयों की आकृति!