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पैंताळीस / प्रमोद कुमार शर्मा
Kavita Kosh से
ओळै-दोळै
झांझरकै-झांझरकै ई
काट आवै चक्कर अेक गळियां रो
-सबद
सांवरो देवण नै पतियारो
कारो!!
मचज्यै चौरासी री जूण मांय
सांस बापरै मरतोड़ी हूण मांय
सूरज बणज्यै
-समद।