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पैसा / केदारनाथ अग्रवाल
Kavita Kosh से
सिर पर चढ़ा पैसा
सिद्ध और सर्वशक्तिमान है
जमीन पर गिरा आदमी
दीन हीन और परेशान है।
रचनाकाल: ०४-०२-१९७५