पैसे के सच के पीछे खड़े लोग / राग तेलंग
यह बेहद दु:खद सच्चाई है कि
ख़ुश रहने के लिए पैसा लगता है
आप न भी चाहें तो भी हँसते-हँसते आप पाएंगे कि
आपकी जेब से एक सिक्का फिसल ही पड़ा है
तनाव दूर करने जिस पार्क तक जाएंगे आप
सामूहिक हँसी में शामिल होने
वहाँ भी क्लब चलाने के लिए
चंदा मांगकर ढीली कर देंगे कुछ लोग आपकी जेब
आप क्यों नहीं सोचते कि
ऐसा सोचना एक दुराग्रह है कि
वे सब कैमरे के सामने मुस्कराते दिखें
जो फटेहाल हैं और
जिनकी जेब में एक पैसा भी नहीं है
जो वे
भूख की वजह से
माथे पर उभर आई पीड़ा की लकीरों को छुपा सकें
आज सत्यमेव जयते का प्रतीक चिन्ह
उन्हीं के हाथों में है
जो या तो सबसे बड़े ठग हैं
या फिर जिन्हें सत्य को परास्त करना आ गया
ये मैनेजमेंट गुरु और योगाचार्य
किनके पक्ष में खड़े हैं
जो तंगहाल और स्लीपर पहनने वालों में भी
ऐसी उम्मीद जगा रहे हैं कि
खुश दिखने से दूर हो जाएगा दुर्भाग्य और
खाली पेट दौड़ने से बदल जाएंगे नसीब ।