पॉपलर का पेड़ / यूलिया मोरकिना / अनिल जनविजय
जबसे पॉपलर के पेड़ पर लटककर
यहूदा ने अपना जीवन ख़त्म किया
तब ही से काँप रहा है वो, शान्त ही नहीं होता ।
शायद उसे किसी चमत्कार की आशा होगी
शायद वो किसी ख़ुशख़बरी का सपना देख रहा होगा :
अब तो, बस, यही उम्मीद बाक़ी है
कि वह बच जाएगा, नरक से मुक्त हो जाएगा ।
पॉपलर का पेड़
उसके मन के भीतर अभी भी हिल रहा है ।
और हवा, बस, यही तो चाहती है ...।
2021
मूल रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय
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अब यही कविता मूल रूसी भाषा में पढ़िए
Юлия Моркина
ОСИНА
Осина, где окончил жизнь Иуда,
С тех пор дрожит, и больше не уняться.
Она бы и надеялась на чудо,
Ей, может быть, благие Вести снятся:
О том лишь, что надежда остаётся,
Что он спасётся, выпущен из ада.
Осина
по Душе его трясётся.
А ветру только этого и надо…
2021