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पोथी बा ब्रह्म री / प्रमोद कुमार शर्मा
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मून स्यूं उठती भाप स्यूं भरी
बा पोथी है ब्रह्म रै तेज री!
एक छोटी सी बच्ची री पीठ पर
नींद स्यूं भरयौ बस्तौ लादणौ मूर्खता है
क्यों कै सब्द पढ़णै री लकब
आपां गमा दिनी जीवण पढ़णै मांय!
एक छोटी सी छोरी स्यूं आपां सीख सकां
कीं सब्द अर वां री अरथ भरी गळियां
वा जद ई कीं कैवै
बीं रै होठां लारै लुक्योड़ी हुवै
जीवन री बारहखड़ी!