भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
पोलीथीन / लीलाधर मंडलोई
Kavita Kosh से
करोड़ों
या
अरबों
कितनी हो सकती हैं
पोलीथीन की थैलियां
कितनी नदियों का
दम घुट सकता है
इन थैलियों में
00