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प्यार की बातें / ऋषभ देव शर्मा
Kavita Kosh से
प्राण का उन्माद हैं वे, प्यार की बातें
अनकहा संवाद हैं वे, प्यार की बातें
जबकि जूड़े में खिला था, फूल कॉलर का
क्या तुम्हें भी याद हैं वे, प्यार की बातें
खिलखिलाहट, खीझना, मुनहार, अठखेली
मन में सब आबाद हैं वे, प्यार की बातें
जब नचा शंकर सती की, लाश को लेकर
लोक का अपवाद हैं वे, प्यार की बातें
आँसुओं का अर्घ्य पावन, फूल चुंबन के
आज क्यों अपराध हैं वे, प्यार की बातें