प्यार के अहसास को महसूस करना / वत्सला पाण्डेय
प्यार के अहसास को महसूस करना
कितना अच्छा लगता है
जैसे पंख फैलाकर कोई पंक्षी उड़ता है
जैसे बालू के कण से कोई मोती बनता है
जैसे बादल के बरतन से छल नीर छलकता है
या फिर तारों का आँचल ये नटखट गगन पहनता है
ये अहसास कितना अच्छा लगता है
प्यार में मीठी तकरार कितनी अच्छी लगती है
जैसे खटर पटर सी करती छुक छुक रेल चलती है
जैसे चट्टानों से लड़कर कोई लहर लौटती है
जैसे तीखी लाल मिर्च की छन से छौंक लगती है
या फिर डाइनिंग टेबल पर छूरी संग काँटा सजता है
ये अहसास कितना अच्छा लगता है
प्यार में हल्का स्पर्श कितना अच्छा लगता है
जैसे फूलों की पंखुरियाँ कोई भवरां छूता है
जैसे सर्द हवा का झोंका गालों को सहलाता है
जैसे रात की बाहों में प्यारा चाँद चमकता है
या फिर विस्तृत अम्बर में लप से कौंध लपकता है
कितना अच्छा लगता है, कितना अच्छा लगता है