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प्यार के तरीके / अज्ञेय
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प्यार के तरीके तो और भी होते हैं
पर मेरे सपने में मेरा हाथ
चुपचाप
तुम्हारे हाथ को सहलाता रहा
सपने की रात भर...
नयी दिल्ली, जून, 1980