भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
प्यार जब ख़ामोशियों की राह चलकर आए है / शिवशंकर मिश्र
Kavita Kosh से
प्यार जब खामोशियों की राह चलकर आए है
होता है ऐसे हाल में दिल पर असर भी देर से
वे मेरी मय्यत पे आएं, यह मेरी किस्मत कहाँ
जाते-जाते जाएगी उन को खबर भी देर से