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प्यार झूठा ही सही दिल से निभाते रहिये / कैलाश झा 'किंकर'
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प्यार झूठा ही सही दिल से निभाते रहिये।
दिल मिले या न मिले हाथ मिलाते रहिये॥
नौकरी करने को जाते हैं जताते रहिये।
दूर माँ-बाप से हैं घर भी तो आते रहिये॥
दुश्मनी भी है अगर लफ़्ज़ नहीं गन्दा हो
दोस्ती है तो सही राह दिखाते रहिये।
हम सुधारेंगे ग़लत को भी करीने से ही
है गुज़ारिश कि इशारों से बताते रहिये।
सब सितारे भी ख़फ़ा चाँद से लगते नभ में
चाँद के साथ ज़रा वक़्त बिताते रहिये।
बात "किंकर" की नहीं सिर्फ़ सभी की कीजै
जो हैं पीछे ही उन्हें आगे बढ़ाते रहिये।